मंगलवार, 14 अगस्त 2012

शिव परिवार और उन का तबेला : shiv parivar or un ka tabela by Sanjay Mehta Ludhiana











शिव परिवार और उन का तबेला
माता पार्वती कितनी मुश्किल से शिव परिवार को और उस के तबेले को संभालती है जरा गौर दीजिये (संजय मेहता) शिव परिवार देखिये ... भोले बाबा ने अपनी सवारी रखी है बैल और माँ शेरावाली ने रखी है शेर. बैल और शेर क्या एक साथ नाथे जाते है? इस तरह गणेश जी को दिया है चूहा, और खुद रख लीया सांप और स्वामी कार्तिक जी को दिया है मोर. अब ये तीनो एक के उपर एक क्यों ना सवारी करे? फिर मजा यह की जरा से खलबलाहट में भयंकर रूप से भोंकने वाला कुत्ता अपने कोतवाल साहब श्री भैरव बाबा जी को इनायत कर दिया है और यह कुत्ता भी उसी तबेले में डाल दिया गया है जहाँ बैल , बाघ, चूहा, सांप , मोर आदि रहते है, अब पाठक स्वयं ही अनुमान कर सकते है की उस तबेले में शांति -स्थापना का कार्य कितना दुष्कर रहा करता होगा.

भोले नाथ को क्या है! जब तक शांति रही तब तब रही, जहा अशांति होने लगी की झट उन्होंने समाधि ले ली, परवाह तो असल में माता पार्वती जी को है, जिन के भरोसे सारी ग्रहस्थी चलती है, जिस समय गजानन मोदको के लिए मचलते है , उस समय साक्षात अन्नपूर्णा के सामने भी अर्थ-संकट आ जाता है. परन्तु रतनगर्भा वसुंधरा के सर्वोच्च आधाररत्म्भ की एकमात्र मान्य होने कारण पार्वती जी उन साधनों को जानती है, जिनके द्वारा वे इस विचित्र परिवार के प्रत्येक व्याक्ति का पूर्ण संतोष कर सके. साथ ही उन्हों ने सुयोग्य ग्रेह्स्वमिनी के समान यह चतुरता भी रखी है की रिद्धि- सिद्धि को अपनी पुत्रवधु बना छोड़ा है, बस, अब उनके सहारे इनकी अर्थस्मस्य बहुत कुछ सुलझ गई है, इतना होते हुए भी उन्हों ने सबसे बड़ा अच्छा काम यह किया की अपनी ग्रहस्थी कैलाश पर्वत के शिखर पर जमायी है. जहाँ आस पास केवल बर्फ-ही-बर्फ है, मांग तो वहां पैदा होती है जहा मांगने योग्य वस्तुए दिखाई दे. अथवा जहाँ तबीयत में किसी अभाव की गर्मी हो.. यहाँ तो शीताल्तादायक हिमराशी के अतरिक्त और कही कुछ है ही नहीं, इसलिए यह निश्चेय है की इतनी ठंडक में दबकर इस कुटुंब के व्यक्ति तथा वाहनों के झगडालू होंसले भी ठन्डे पड़ जायेंगे और वित्त से बाहर दान दे देनेवाले भोले बाबा के पास तक पहुँचने का दुस्साहस करनेवाले भक्तो का उत्साह भी ठंडा पड़ जायेगा. इस चातुर्य का कोई ठिकाना नहीं. क्यों ना हो, आखिर माँ दुर्गा महामाया जो ठहरी
बोलिए मेरी माँ दुर्गा देवी की जय, मेरी माँ वैष्णो रानी की जय , मेरी माँ राज रानी की जय .
जय माता दी
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Sanjay Mehta








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