जगदम्बा के श्री अंगो की कान्ति उदयकाल के सहस्त्रों सूर्यो के समान है, वे लाल रंग की रेशमी साड़ी पहने हुए है, उनके गले में मुंडमाला शोभा पा रही है, वे अपने कर कमलो में जपमालिका , विद्या और अभ्य तथा वर नामक मुद्रए धारण किये हुए है, तीन नेत्रों से सुशोभित मुखारविंद की बड़ी शोभा हो रही है, उनके मस्तक पर चन्द्रमा के साथ ही रत्नमय मुकुट बंधा है तथा वे कमल के आसन पर विराजमान है, ऐसी देवी को मै भक्तिपूर्वक प्रणाम करता हु
जय माता दी जी
जय माँ राज रानी की
जय माँ दुर्गे की
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