रविवार, 12 अगस्त 2012

'जया' नामवाली दुर्गादेवी Jya Durgadevi By Sanjay Mehta Ludhiana









सिद्धि की इच्छा रखनेवाले पुरष जिनकी सेवा करते है तथा देवता जिन्हें सब और से घेरे रहते है उन 'जया' नामवाली दुर्गादेवी का मै ध्यान करता हु , उनके श्री अंगो की आभा काले मेघ के समान श्याम है, वे अपने कटाक्षो से शत्रुस्मुह को भय प्रदान करती है, उनके मस्तकपर आबद्ध चंद्रमा की रेखा शोभा पाती है, वे अपने हाथो में शंख, चक्र, क्रपान और त्रिशूल धारण करती है, उनके तीन नेत्र है, वे सिंह के कंधे पर चढ़ी हुई है और अपने तेज से तीनो लोकों को परिपूर्ण कर रही है
जय माता दी जी , जय माँ वैष्णोदेवी की, जय माँ राजरानी की, जय जय माँ
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Sanjay Mehta









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