मंगलवार, 20 दिसंबर 2011

बेटिया क्यों पराई है : Betiya Kyu Praai Hai : Sanjay Mehta Ludhiana










मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है
खेली कूदी मै जिस आँगन मे
वो भी अपना पराया सा लागे

बेटी कहती है माँ, जिस घर मै मे पैदा हुई , जहाँ मे खेली कूदी जवान हुई, शादी से पहले तो वो घर मेरा, यह समान मेरा, यह गाडी मेरी , सब कुछ मेरा माँ , मगर शादी के बाद अपना तो है मगर क्यों पराया लगने लगता है माँ , जो हक मेरा शादी से पहले था. शादी के बाद क्यों नहीं क्यों नहीं माँ


खेली कूदी मै जिस आँगन मे
वो भी अपना पराया सा लागे
एसा दस्तूर क्यों है माँ
जोर किस का चला इस के आगे
एक को घर दिया, एक तो वर दिया
तेरी कैसी खुदाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है


जो भी माँगा मैंने बाबुल से , दिया हस के मुझे बाबुल ने

बेटी कहती है माँ जिस चीज पर मैंने हाथ रखा, मेरे बाबुल राजा ने आज तक मुझे मना नहीं किया जिस चीज पर बेटी हाथ रखती है बाबुल राजा कहते है ले जा बेटी, और जिस ने अपने दिल का टुकड़ा अपने जिगर का टुकड़ा दान दे दिया हो , यह छोटा मोटा दहेज़ क्या मायना रखते है, बेटी क्या कहती है आगे

जो भी माँगा मैंने बाबुल से , दिया हस के मुझे बाबुल ने
प्यार इतना दिया है मुझ को, क्या बयाँ करू अपने मुख से
जिस घर मे पली , उस घर से ही माँ , यह कैसी विदाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है

अच्छा घर सुंदर वर देखा माँ ने, क्षण मे कर दिया उन के हवाले

हर माँ बाप अपनी बेटियों के लिए अच्छा घर और सुंदर वर ढूंढते है , ऐसे कोई माँ बाप नहीं , जो अपनी बेटी को सुखी ना देखना चाहे, बेटिया कहती है माँ , एक क्षण मे एक पल मे तुम ने सारी ममता , कैसे पराई कर दी, भूल गई वो ममता और तुम ने मुझे कैसा पराया बना दिया माँ, बेटे अगर तेरे 7 हो तो उन्हें तो जुदा नहीं करती, बेटी तेरी अगर 1 हो , तो उसे क्यों जुदा करती है माँ , क्यों

अच्छा घर सुंदर वर देखा माँ ने, क्षण मे कर दिया उन के हवाले
जिन्दगी भर का यह है बंधन , कह के समझाते है घर वाले
देते दिल से दुआ, खुश रहना सदा , कैसी प्रीत निभाई है

मुझे माँ से गिला , मिला यही सिला , बेटिया क्यों पराई है

अब तो जाना पड़ेगा मुझ को, विछोडा सहना पड़ेगा सब से

संजय यह बेटियो को पता है के हम पराये है , एक ना एक दिन हमें अपने बाबुल राजा का घर छोड़ कर जाना ही पड़ेगा, हमें अपनों से जुदा होना ही पड़ेगा, सब के लिए हम पराये बन जायेंगे, ख़ुशी की बात है के बेटी अपने घर जा रही है, मगर कितना दुख होता है जब एक बेटी अपने बाबुल राजा के आंगन को लांघ कर विदा होती है , हर आँख आंसू बहाती है , कठोर दिल भी रोने लगता है , बेटी जाने लगी और कहती है माँ

अब तो जाना पड़ेगा मुझ को, विछोडा सहना पड़ेगा सब से
गलतिय माफ़ करना मेरी, दूर रहना पड़ेगा अब से
अच्छा चलती हु माँ , अब गले से लगा ला
बेटिया तो पराई है माँ , बेटिया तो पराई है माँ

बोलिए जय माता दी जी
मेरी माँ वैष्णो देवी की जय
मेरी माँ राज रानी की जय








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