आज शुभ दिन बड़ा..
बिना सांच सुमिरन नहीं, बिन भेद भक्ति न सोय
पारस में परदा रहा , कस लोहा कंचन होए
आज शुभ दिन बड़ा, श्री महावीर के अवतार का
मौका भी कैसा बना है , आज मंगलाचार का
देता हु सबको बधाई, शुभ दिवस की आज मै
क्या ख़ुशी छाई है, मन आनंद हर नर - नारी का
पवन में प्रगटे पवत सूत, श्री राम के सेवक बने
ऐसी सेवा में मगर, बस ध्यान था चरणार का
लखन मो बरछी लागत, संजीवनी लेने गए
काम था केवल तुम्हारा, उठा के लाना पहाड़ का
सीता जी की खबर लेने, तुम लंगा गए पहुच
और वहा जाकर घमंड तोडा, रावन के अहंकार का
क्या तुम्हारे गुण गाऊ मै , कुछ भी गा सकता नहीं
बस यही है विनती बस, देव मेरे सुन लीजिये
अपनी भक्ति दीजिये इस संजय को, प्यासा हु तेरे प्यार का
जय माता दी जी
जय दुर्गे माँ
जय माँ वैष्णोदेवी
जय माँ राज रानी
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