तर्ज: पूर्वा सुहानी आई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
मै तो आई तेरे द्वार
छोड़ के मै सारा संसार
चरणों में माँ के आई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
माता भक्ति मैंने की
शक्ति मैया तुने दी
शक्ति माँ की पाई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
माता द्वार पे तेरे मै आई
ज्योत माँ की मैंने जलाई
मै तो द्वार पे माँ आई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
मैंने छोड़ दिया घर बार
अम्बे पड़ी हु तेरे द्वार
चरणों में तेरे आई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
ऊचे पर्वत पे माँ तू है
मेरे मन में भी माँ तू है
मन से मै भक्ति पाई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
माता काली का तू रूप
शेरा वाली माँ है तू
दिन रात तेरी भक्ति पाई रे
अम्बे भवानी आई रे अम्बे
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