याद करता है मुझे जो मन लगा ध्यान करता है जो मेरी जात का मेरी पूजा में लगाये अपना तन और दिल से भी करे मेरा भजन कर पकड़कर उसको कर देता हु पार डूबता हो जो समुंदर के मंझार फिर नहीं आएगा वह संसार में लीन हो जायेगा मेरे दीदार में
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