शुक्रवार, 6 जनवरी 2012

श्री दण्डी स्वामी जी Shree Dandi Swami ji Maharaj By Sanjay Mehta Ludhiana







संतो मे सबसे संत प्यारे चले गये
श्री दण्डी स्वामी जी हमारे चले गये

दुनिया ये कह रही है कि वाली चला गया
सींचा था जिसने बाग़ वो माली चला गया
इनके ही साथ सरे नजारे चले गये
संतो मे सबसे संत प्यारे चले गये
श्री दण्डी स्वामी जी हमारे चले गये

तप मे ही स्वामी जी ने गुजारी थी जिन्दगी
दिन रत रहे करते वो तो भजन बन्दगी
तप के धनी वो रोशन मुनारे चले गये
संतो मे सबसे संत प्यारे चले गये
श्री दण्डी स्वामी जी हमारे चले गये

इस दण्डधारी ने तो लुटाया प्यार हमेशा
दिया सभी को नाम ही जपने का संदेशा
सचमुच मे आज रहबर हमारे चले गये
संतो मे सबसे संत प्यारे चले गये
श्री दण्डी स्वामी जी हमारे चले गये

हम भगतो को तेरे बिन अपनाएगा बता कौन
रोते हुए को चुप भी कराएगा बता कौन
जीवन के मेरे सचमुच सहारे चले गये
संतो मे सबसे संत प्यारे चले गये
श्री दण्डी स्वामी जी हमारे चले गये

24 अगस्त 1963 को सुबह 7 बज कर 20 मिनट पर पूज्य महाराज जी समाधिष्ठ अवस्था मे बैठे इसे बैठे कि फिर उस समाधि को खोला ही नहीं. उस श्री महाराज जी ने साकार रूप को त्याग कर निराकार रूप को अपना लिया

उस समय श्री महाराज कि आयु 134 वर्ष 3 महीने थी







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