मंगलवार, 16 अगस्त 2011

जय बोलो हनुमान की : Jai Bolo Hanuman Ki: Sanjay Mehta Ludhiana













जय बोलो हनुमान की

कथा सुनाऊ सबको मै पवन पुत्र बलवान की..
जय बोलो हनुमान की.. जय बोलो ...

बालपन मे बजरंगी ने अपना बल दिखलाया..
हुआ अँधेरा पृथ्वी पर तब इंद्र सामने आया..
दे वरदान तब देवराज ने सूरज को छुड्वाया..
सभी देवता करे बड़ाई.. बजरंगी बलवान की
जय बोलो हनुमान की

मात सिया की सुधि लेने अशोक वाटिका आये..
भूख लगी जब बाग़ उजड़े तोड़ तोड़ फल खाए..
खबर लगी रावण को तो पकड़ लीया बुलवाए
पूंछ मे जिस दम आग लगाई लंका दी जलाये
मात सिया को दी अंगूठी यह निशानी राम की..
जय बोलो हनुमान की

पाताल पूरी मे मकरध्वज ने आकर करी लड़ाई..
अहिरावन को मरूँगा तू हट रे बलदाई..
पेड़ के पीछे छिपकर के फिर खाए माल मिठाई..
अहिरावन को मार के फिर देवी को बलि चढाई..
राम लखन को संग में लाये खेल के बाजी जान की..
जय बोलो हनुमान की


और सुनो फिर गद्धी पर बैठे इक दिन श्री राम
मोती की माला पहनाई मात सिया ने आन
इक - इक मोती तोड़ - तोड़ के फेंक दिए हनुमान
बोले जिसमे राम नहीं उससे मेरा क्या काम
चीर दिखाया सीना है बैठे रघुवीर जानकी..
जय बोलो हनुमान की

संजय मेहता
जय माता दी जी




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