शनिवार, 17 मार्च 2012

दुर्गा स्तुति तेरहवां अध्याय (चमन जी ) : durga stuti Thirteenth chapter (chaman ji ) : sanjay mehta ludhiana







दुर्गा स्तुति तेरहवां अध्याय (चमन जी ) : durga stuti Thirteenth chapter (chaman ji ) : sanjay mehta ludhiana


ऋषिराज कहने लगे मन में अति हर्षाए
तुम्हे महातम देवी का मैंने दिया सुनाए
आदि भवानी का बड़ा है जग में प्रभाओ
तुम भी मिल कर वैश्य से देवी के गुण गाओ

शरण में पड़ो तुम भी जगदम्बे की
करो श्रद्धा से भक्ति माँ अम्बे की
यह मोह ममता सारी मिटा देवेगी
सभी आस तुम्हारी पूजा देवेगी

तुझे ज्ञान भक्ति से भर देवेगी
तेरे काम पुरे यह कर देवेगी
सभी आसरे छोड़ गुण गाइयो
भवानी की ही शरण में आइओ

स्वर्ग मुक्ति भक्ति को पाओगे तुम
जो जगदम्बे को ही ध्याओगे तुम

दोहा:-
चले राजा और वैश्य यह सुनकर सब उपदेश
आराधना करने लगे बन में सहे क्लेश
मारकंडे बोले तभी सुरत कियो ताप घोर
राज तपस्या का मचा चहु और से शोर

नदी किनारे वैश्य ने डेरा लिया लगा
पूजने लगे वह मिटटी की प्रीतिमा शक्ति बना
कुछ दिन खा फल को किया तभी निराहार
पूजा करते ही दिए तीन वर्ष गुजार

हवन कुंड में लहू को डाला काट शरीर
रहे शक्ति के ध्यान में हो आर अति गंभीर
हुई चंडी प्रसन्न दर्शन दिखाया
महा दुर्गा ने वचन मुह से सुनाया

मै प्रसन्न हु मांगो वरदान कोई
जो मांगोगे पाओगे तुम मुझ से सोई
कहा राजा ने मुझ को तो राज चाहिए
मुझे अपना वही तख़्त ताज चाहिए

मुझे जीतने कोई शत्रु ना पाए
कोई वैरी माँ मेरे सन्मुख ना आये
कहा वैश्य ने मुझ को तो ज्ञान चाहिए
मुझे इस जन्म में ही कल्याण चाहिए

दोहा:-
जगदम्बे बोली तभी राजन भोगो राज
कुछ दिन ठहर के पहनोगे अपना ही तुम ताज
सूर्य से लेकर जन्म स्वर्ण होगा तव नाम
राज करोगे कल्प भर , ऐ राजन सुखधाम

वैश्य तुम्हे मै देती हु, ज्ञान का वह भंडार
जिसके पाने से ही तुम होगे भव से पार
इतना कहकर भगवती हो गई अंतरध्यान
दोनों भक्तो का किया दाती ने कल्याण

नव दुर्गा के पाठ का तेरहवां यह अध्याय
जगदम्बे की कृपा से भाषा लिखा बनाये
माता की अदभुत कथा 'चमन' जो पढ़े पढाये
सिंह वाहिनी दुर्गा से मन वांछित फल पाए



ब्रह्मा विष्णु शिव सभी धरे दाती का ध्यान
शक्ति से शक्ति का ये मांगे सब वरदान
अम्बे आध भवानी का यश गावे संसार
अष्टभुजी माँ अम्बिके भरती सदा भंडार

दुर्गा स्तुति पाठ से पूजे सब की आस
सप्तशती का टीका जो पढ़े मान विश्वास
अंग संग दाती फिरे रक्षा करे हमेश
दुर्गा स्तुति पढने से मिटते 'चमन' क्लेश









39 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

its very good i dont have book i did path from this book.

Unknown ने कहा…

jai mata di

Unknown ने कहा…

Very good

Unknown ने कहा…

Very good

Unknown ने कहा…

Jai Mata di

Unknown ने कहा…

Excellent service....God bless you dear 4 such a good deed ..

Unknown ने कहा…

Jai mata di

Unknown ने कहा…

Jai mata Di ❤

Unknown ने कहा…

Don't have my book here.Thanks a lot for helping us in this way.

Unknown ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Unknown ने कहा…

Jai Mata Di....
Thanks fr such a great job...

Unknown ने कहा…

Jai Mata di

Pratibha ने कहा…

Jai Mata Di... Thanks book ni thi but aapki kripa Se path Ho Gaye...

Unknown ने कहा…

Thnku lot because am not having a book here

Unknown ने कहा…

Very good job indeed...

Unknown ने कहा…

Thanks so much

Unknown ने कहा…

Jai

Unknown ने कहा…

Jaikara sherawali da bol sachche darbar ki jai

बेनामी ने कहा…

Jai mata di👏

बेनामी ने कहा…

Jai mata di👏

Unknown ने कहा…

जय माता दी

Sandeep kumar ने कहा…

M thankful to u fr this help because I didn't have book. Just because of you I m able to do path thankyou

Unknown ने कहा…

Jai Mata di

Unknown ने कहा…

Jai mata di🙌🙏

Unknown ने कहा…

Jai mata di

Unknown ने कहा…

Jai mata di

Meera ने कहा…

Jai Mata Di

Unknown ने कहा…

Jai mata raani

Unknown ने कहा…

Very good

Unknown ने कहा…

Main yeh path bahut saalon se kar rahin hoon. Is post mein bahut se adhyaya mein Kai lines missing hain. Kripa unhe theek kar ke repost karein jo ki koi bhi adhoora path na kare.

Unknown ने कहा…

Jai mata di

Deepak Kaushik ने कहा…

Jai Mata Dii..

Unknown ने कहा…

Very Good, Ist and last version should also be included, Thanks lot, JAI MATA DI 🙏

Garima Arora ने कहा…

Thanks for uploading

Unknown ने कहा…

JAI MATA DI

Unknown ने कहा…

Jai mata di

Unknown ने कहा…

Jai maa, bohot hi sundar warnan hai, maa ki mahima ka, ati abhar...jai maa❤❤🙏🙏❤❤

Unknown ने कहा…

जय माता दी

Unknown ने कहा…

Jai mata di