याद करो हनुमान, वो दिन याद करो
तुम हो वीर महान, वो दिन याद करो
बालपन में रवि को खायो, तीन लोक अंधियारों छायो
छिप गया देव समाज, वो दिन याद करो
सागर तट पर जब कपि हारे, तब तुमने ये बचन उचारे
जाऊँगा सागर पार, वो दिन याद करो
सीता माँ का पता लगाकर, रावण का गढ़ लंका जलाकर
आये राम के पास, वो दिन याद करो...
अर्जुन के रथ पर चलने वाले, भीम का मान घटाने वाले
तुमने मारी हांक, वो दिन याद करो ...
लक्ष्मण को जब लगी शक्ति, सीतापति को चिंता व्यापी
लाये संजीवन बूटी , वो दिन याद करो...
राम लखन हा हरण हुआ जब, देवी रूप में प्रकट हुए तब
अहिरावन दीन्हा मार, वो दिन याद करो ...
तेरे बल का पार नहीं है, तेरे जैसा कोई वीर नहीं है
कहाँ तक करू गुणगान, वो दिन याद करो
सियाराम के कारज सारे, संकट काटो सकल हमारे..
संजय मेहता करे पुकार, वो दिन याद करो..
याद करो वीर हनुमान वो दिन याद करो..
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