रंग गया, राम भजन में चोला
रंग गया, हरी के भजन में चोला
अब ना चाह रही कुछ मन में
खाली हो गया झोला
दौलत के पीछे भी भागे, जैसे दिन बीत जाता
हर दम कुछ पाने की गरज में, दौड़ा दिन और राता
हाथ ना लग पाया मेरे कुछ, जब जब ह्रदय टटोला
रंग गया, राम भजन में चोला
खाली हाथ आया था जग में , खाली हाथ है जाना
पता नहीं कितनी साँसों का, बाकी आना जाना
सारा जीवन व्यर्थ गवाया , मै हु कितना भोला
रंग गया, राम भजन में चोला
चार दिवस की जीवन है बस, प्रभु से लगन लगालो
जो करना था सब कर लिया, अब तो हरी गुण गा लो
बाद पड़े ना फिर पछताना , राम राम नहीं भुला
रंग गया, राम भजन में चोला
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