सोमवार, 5 नवंबर 2012

Lakshmi Maa Jai Mata Di G By Sanjay Mehta Ludhiana









"हे शैलेन्द्रतनये , शास्त्र एवं संत यह कहते है कि तुम्हारे पलक मारते ही यह संसार प्रलय के गर्भ में लीन हो जाता है और पलक खोलते ही यह फिर प्रकट हो जाता है, संसार का बनना और बिगड़ना तुम्हारे लिए एक पलक का खेल है माँ। तुम्हारे एक बार पलक उघाड़ने से यह संसार खड़ा हो गया है वह एकबारगी नष्ट ना हो जाए मालूम होता है,इसलिए तुम कभी पलक गिराती ही नहीं, सदा निनिर्मेश दृष्टि से अपने भक्तो की और निहारती रहती हो माँ दुर्गे

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♥♥ (¯*•๑۩۞۩:♥♥ ......Jai Mata Di G .... ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)♥♥
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Sanjay Mehta









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