गलिओं में मेरी आजा, दिलदार यार प्यारे By Sanjay Mehta Ludhiana
गलिओं में मेरी आजा, दिलदार यार प्यारे
मुखड़ा जरा दिखाजा, दिलदार यार प्यारे
कब से भटक रहा हु, एक दर्श तो दिखा जा
प्यासे है नैना मेरे, मेरी प्यास बुझा जा
दीवाना कर के छोड़ा , दिलदार यार प्यारे
रो रो के तुम से कहता , दिल का यह हाल मोहन
यह सांस आखरी है, सच मान प्यारे मोहन
अब तो गले लगा ले , दिलदार यार प्यारे
गलिओं में मेरी आजा दिलदार यार प्यारे
सूरत ने गजब ढाया जुल्फों ने सितम ढाया
इस के बाद तूने नहीं अपना मुझे बनाया
दिल में मेरे समा जा, दिलदार यार प्यारे
गलिओं में मेरी आजा, दिलदार यार प्यारे
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Sanjay Mehta
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