"हे जगज्जननी ! तुम्ही सनातन शक्ति हो माँ तुम्ही विश्व के अनन्त की मूलस्त्रोत हो, व्यक्त अनेक नामरुपो में तुम्हारी ही शक्ति अभिव्यक्त हो रही है माँ, तुम्हारी अविध्यशक्ति से मोहित होकर हम तुम्हे भूल जाते है और संसार के तुच्छ पदार्थो में सुख का अनुभव करने लगते है। परन्तु जब हम तुम्हारी पूजा करते है और तुम्हारी शरण आते है तब तुम हमें अज्ञान से एवं संसार की आसक्तियो से मुक्त कर देती हो और अपने बच्चो को शाश्वत सुख प्रदान करती हो माँ।
जय माता दी जी
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Sanjay Mehta
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