भगवान विष्णु द्वारा पठित शिव सहस्त्र नाम -स्त्रोत्र जय शिव जय भगवान हर जय मृड जय रूद्र जय पुष्पलोचन जय अर्थिगम्य जय सदाचार जय शम्भू जय महेश्वर जय शर्व जय पुष्कर जय चन्द्रपीड जय चन्द्रमौलि जय विश्वम जय विश्वेम्भ्रेश्व्र जय वेदांतसारसंदोह जय कपाली जय नीललोहित जय ध्यानधार जय अप्रिच्व्हेध जय गौरीभर्ता जय गणेश्वर जय अष्टमूर्ति जय विश्वमूर्ति जय त्रिवर्गस्वर्गसाधन जय ज्ञानगम्य जय द्रढ़प्रज्ञा: जय देवदेव: जय त्रिलोचन जय वामदेव जय महादेव जय पटु जय परिव्रढ जय द्रढ़ जय विश्वरूप जय विरूपाक्ष जय वागीश जय शुचिस्तं जय सर्वप्रमाण संवादी जय वृषाडंक जय वृषवाहन जय ईश जय पिनाकी जय खटवाड्गी जय चित्रवेष जय चिरंतन जय तमोहर जय महायोगी जय गोप्ता जय ब्रह्मा जय धुर्जटि जय कालकाल जय कृतिवासा जय सुभग जय प्रणवआत्मक जय अन्न्घ्न जय पुरष जय जुष्य जय दुर्वासा जय पुरशासन जय दिव्यायुध जय स्कंदगुरु जय परमेष्ठी जय परात्पर जय अनादिमध्यनिधन जय गिरीश जय गिरिजाधव जय कुबेरबन्धु जय श्रीकंठ जय लोकवर्णोंतम जय मृदु जय समाधिवेध जय कोदंडी जय नीलकंठ जय प्रश्वधी जय विशालाक्ष जय मृगव्याध जय सुरेश जय सूर्यतपन जय धर्मधाम जय क्षमाक्षेत्रम जय भगवान जय भगनेत्रभित जय उग्र जय पशुपति जय ताक्षर्य जय प्रियभगत जय परंतप जय दाता जय दयाकर जय दक्ष जय कपर्दी जय कामशासन जय शमशाननिलय जय सूक्ष्म जय श्म्शान्स्थ जय मेह्श्वर जय लोककर्ता जय मृगपति जय महाकर्ता जय महौषधि जय उत्तर जय गोपति जय गोप्ता जय ज्ञानगम्य जय पुरातन जय निति जय सुनीति जय शुद्धात्मा जय सोम जय सोमरत जय सुखी जय सोमप जय अमृत्प जय सौम्य जय महातेजा जय महाद्युति जय तेजोमय जय अमृतमय जय अन्नमय जय सुधापति जय अजातशत्रु जय आलोक जय सम्भाव्य जय हव्यवाहन जय लोककर जय वेदकर जय सूत्रकार जय सनातन जय दिव्यायुद्ध जय महाऋषिकपिलाआचर्य जय विश्वदीप्ती जय त्रिलोचन जय पिनाकपाणि जय भूदेव जय स्वस्तिद जय स्वस्तिक्र्त जय सुधि जय धात्रधामा जय धामकर जय सर्वग जय सर्वगोचर जय ब्रह्मसर्क जय विश्वस्र्क जय सर्ग जय कर्णीकारप्रिय जय कवि जय शाख जय विशाख जय गोशाख जय शिव जय भिषगनुत्म जय गंगाप्ल्वोदक जय भव्य जय पुष्कल जय स्थपति जय स्थिर जय विजितात्मा जय विधेयात्मा जय भुतवाहनसारथि जय सगण जय गणकाय जय सुकीर्ति जय छिन्नसंशय जय कामदेव जय कामपल जय भस्मोदधुलितविग्रह जय भस्मप्रिया जय भस्मशायी जय कामी जय कान्त जय कृतागम जय समावर्त जय अनिव्रात्मा जय धर्मपुन्ज्ज जय सदाशिव जय अकल्म्ष जय चात्रूबाहू जय दुर्वास जय दुरासद जय दुर्लभ जय दुर्गम जय दुर्ग जय सर्वायुधविशारद जय अध्यात्म जय योगनिलय जय सुतन्तु जय तंतुवर्धन जय शुभागं जय लोकसारंग जय जगदीश जय जनार्दन जय भस्म जय शुद्धिकर जय मेरु जय ओजस्वी जय शुद्धविग्रह जय असाध्य जय सधुसाध्य जय भ्र्त्मकर्टरूपधर्क जय हिरण्यरेता जय पौराण जय रिपुजिवहर जय बली जय महाह्र्द जय महागर्त जय सिद्धव्र्न्दारवन्दित जय व्याघ्रचर्मामब्र जय व्याली जय महाभूत जय महानिधि जय अमृताश जय अमृत्वपू जय पांचजन्य जय प्र्भुन्ज्न जय पञ्चविंशतिततत्वस्थ जय पारिजात जय परावर जय सुलभ जय सुव्रत जय शुर जय ब्रह्मवेदनिधि जय निधि जय वर्णश्र्मगुरु जय वर्णी जय शत्रुजित जय शत्रुतापन जय आश्रम जय क्षपण जय क्षाम जय ज्ञानवान जय अचलेश्वर जय प्रमाणभुत जय दुर्घ्येय जय सुपर्ण जय वायुवाहन जय धनुर्धर जय धनुरवेद जय गुणराशी जय गुणाकर जय सत्य जय सत्यपर जय अदीन जय धर्मांग जय धर्मसाधन जय अनंतदृष्टि जय आनंद जय दण्ड जय दमयिता जय दम जय अभिवाधय जय महामाय जय विश्वकर्मविशारद जय वीतराग जय विनीतात्मा जय तपस्वी जय भूतभावन जय उन्मत्त्वेश जय प्रच्छन्न जय जितकाम जय अजितप्रिया जय कल्याणप्रक्रति जय कल्प जय सर्वलोकप्रजापति जय तपस्वी जय धीमान जय प्रधान जय प्रभु जय अवव्य जय लोकपाल जय अन्तह्रितात्मा जय कल्पादि जय कम्लेक्ष्ण जय वेदशास्त्रार्थतत्वज्ञ जय अनियम जय निय्ताश्र्य जय चन्द्र जय सूर्य जय शनि जय केतु जय वरांग जय विद्रुमच्छ्वी जय भक्तिवश्य जय परब्रह्म जय मृगबाणअर्पण जय अनघ जय अद्रि जय अद्र्याल्य जय कान्त जय परमात्मा जय जगद्गुरु जय सर्वकर्मालय जय तुष्ट जय मंगल्या जय मंग्लाव्र्त जय महातपा जय दीर्घतपा जय स्थविष्ठ जय स्थविरो जय ध्रुव जय अह:संवत्सर जय व्याप्ति जय प्रमाणम जय परमं जय तप जय संवत्सरकर जय म्न्त्रप्रत्य्य जय सर्वदर्शन जय अज जय सर्वेश्वर जय सिद्धू जय महारेता जय महाबल जय योगी योग्य जय महातेजा जय सिद्ध जय सर्वादी जय अनुग्रह जय वसु जय वसुमना जय सत्य जय सर्वपापहरोहर जय सुकिर्तिशोभन जय श्रीमान जय वेदांग जय वेदविन्मुनी जय भ्राजिष्णु जय भोजनम जय भोक्ता जय लोकनाथ जय दुराधर जय अमृत जय शाश्वत जय शांत जय बाणहस्त प्रतापवान जय कमंडलुधर को धन्वी जय अवांगमनस्गोचर जय अतीन्द्रियो महामाय जय सर्वावास जय चतुष्पथ जय कालयोगी जय महानाद जय महोत्साहो जय महाबल जय महाबुद्धि जय महावीर्या जय भूतचारी जय पुरंदर जय निशाचर जय प्रेतचारी जय महाशक्ति जय म्र्हधुती जय अनिर्देशय्वपू जय श्रीमान जय स्र्वाचार्यमनोगति जय बहुश्रुत जय अमहामय नियतात्मा जय ध्रुवोध्रुव जय ओजसतेजोद्धुतीधर जय जनक जय सर्वशासन जय नृत्यप्रिय जय नित्यनृत्य जय प्रकाशात्मा जय प्रकाशक जय स्पष्टक्षर जय बुध जय मन्त्र जय समान जय सरस्मप्लव जय युगादीक्रधूगवर्त जय गम्भीर जय वृषवाहन जय इष्ट जय अविश्ष्ट जय शिष्टेष्ट जय सुलभ जय सारशोधन जय तीर्थरूप जय तीर्थनामा जय तीर्थदृश्य जय तीर्थद जय अपांनिधि जय अधिष्ठानम जय दुर्जय जय जयकल्वित जय प्रतिष्ठित जय प्रमाणज्ञ जय हिरण्यकवच जय हरि जय विमोचन जय सुरगण जय विध्येश जय विन्दुसंश्रय जय बालरूप जय अब्लोनमत्त जय अविकर्ता जय गहन जय गुह जय करणम जय कारणम जय कर्ता जय सर्वबन्धविमोचन जय व्यवसाय जय व्यवस्थान जय स्थानद जय जगदादिज जय गुरूद जय ललित जय अभेद जय भावात्मात्म्नी संस्थित जय वीरेश्वर जय वीरभद्र जय वीरासनविधि जय विराट जय वीरचुडामणि जय वेक्ता जय चिदानन्द जय नदीधर जय आज्ञाधर जय त्रिशूली जय शिपिविष्ट जय शिवालय जय वालखिल्य जय महाचाप जय तिग्मांशु जय बधिर जय खग जय अभिराम जय सुशर्ण जय सुब्रेह्म्न्य जय सुधापति जय माघवन कौशिक जय गोमान जय विराम जय सर्वसाधन जय ललाटाक्ष जय विश्व्देह जय सार जय संसार जय चक्रभ्रत जय अमोघदण्ड जय मध्यस्थ जय ब्रह्मवर्चसी जय परमार्थ जय परो मायी जय शम्बर जय व्याघ्रलोचन जय रूचि जय विर्च्झी जय स्वर्बंधू जय वाचस्पति जय अहर्पति जय रवि जय विरोचन जय स्कन्द जय शास्तावैवस्वतो यम जय युक्तिरत्नकीर्ति जय सानुराग जय परंजय जय कैलासधिपति जय कान्त जय सविता जय रविलोचन जय विद्धव्त्तं जय वीतभय जय विश्वभर्ता जय अनिवारित जय नित्य जय नित्यकल्याण जय पुण्यश्रवणकीर्तन जय दुरश्र्वा जय विश्व्सेह जय ध्येय जय दू:स्वप्ननाशन जय उत्तार्ण जय दुष्करतिहा जय विज्ञेय जय दुस्सह जय अभव जय अनादी जय भुभ्रुवो लक्ष्मी जय किरीटी जय त्रिद्शाधिप जय विश्वगोप्ता जय विश्वकर्ता जय सुवीर जय रुचिरंगद जय जनन जय जनजनमदि जय प्रीतिमान जय नीतिमान जय धव जय वसिष्ठ जय कश्यप जय भानु जय भीमप्रक्रम जय प्रणव जय सत्पथाचार जय महाकोश जय महाधन जय जन्माधिप जय महादेव जय स्क्लाग्मपारग जय तत्वम जय तत्ववित् जय एकात्मा जय विभु जय विश्वभूषण जय ऋषि जय ब्राह्मण जय एश्वर्याजन्ममृत्युजरातिग जय पञ्चयज्ञसमुत्पति जय विश्वेश जय विमलोदेय जय आत्म्योनी जय अनाध्यन्त जय वत्सल जय भक्तलोकध्रक जय गायत्रीवल्लभ जय प्रांशु जय विश्ववास जय प्रभाकर जय शिशु जय गिरीरत जय सम्राट जय सुषेन सुरशत्रुहा जय अमोघोरिष्टनेमी जय कुमुद जय विगतज्वर जय स्वयज्योतिसतनुज्योति जय आत्मज्योति जय अचंचल जय पिंगल जय कपिलश्मश्रु जय भालनेत्र जय त्र्यित्नु जय ज्ञानस्कन्दोम्हानीति जय विश्वोत्पति जय उप्पल्व जय भगो विव्स्वनादित्य जय योग्पार जय दिवस्पति जय कल्याणगुनानामा जय पापहा जय पुण्य दर्शन जय उदारकीर्ति जय उद्योगी जय सदसन्मय जय नक्षत्रमाली जय नाकेश जय स्वाधिष्ठानपदश्र्य जय पवित्र पापहारी जय मणिपुर जय नभोगति जय ह्र्त्पुनडरीकमासिन जय शक्र जय शांत जय वृषाकपि जय उष्ण जय ग्रहपति जय कृष्ण जय समर्थ जय अनर्थनाशन जय अधर्मशत्रु जय अज्ञेय जय पुरुहूत पुरुश्रुत जय ब्रेह्म्गर्भ जय ब्रेह्दगर्भ जय धर्मधेनु जय धनागम जय ज्गद्दीतैशी जय सुगत जय कुमार जय कुशलागम जय हिरण्यवर्णों जय नानाभुतरत जय ध्वनि जय अराग जय न्यानाध्क्ष जय विश्वमित्र जय धनेश्वर जय ब्रेह्म्ज्योती जय व्सुधामा जय महाज्योतिर्नुत्तं जय मातामह जय मातरिश्वा नभस्वान जय नागहारध्रक जय पुलस्त्य जय पुलह जय अगस्त्य जय जातुकणर्य जय पराशर जय वैरज्च्य जय विष्ठुरश्रवा जय आत्मभू जय अनिरुद्ध जय अत्रि जय ज्ञानमूर्ति जय महायशा जय लोकवीरग्रनी जय चंड जय सत्यपराक्रम जय व्यलाक्ल्प जय महाकल्प जय कल्पवृक्ष जय कलाधर जय अलंकरिष्णु जय अचल जय रोचिष्णु जय विक्र्मोंन्त जय आयु श्ब्दाप्ती जय वेगी पलवन जय शिखी सारथि जय अस्न्स्रुष्ट जय अतिथि जय शक्रप्रमाथी जय पादपासन जय व्सुश्र्वा जय हव्यवाह जय प्रतप्त जय विश्व भोजन जय जप्य जय जरादिशमन जय लोहितात्मातनूनपात जय ब्रह्द्श्व जय नभोयोनी जय स्प्रतीक जय तमिस्न्हा जय निदाघस्त्प्न जय मेघ जय सवक्ष जय परपुरच्ज्न्य जय सुखानिल जय स्निष्प्न्न जय सुरभि शिश्रत्म्क जय वसन्तो माधव जय ग्रीष्म जय न्भ्स्य जय बजीवाहन जय अंगीरागुरु जय आत्रेय जय विमल जय विश्ववाहन जय पावन जय सुमित्ति विर्द्वान जय त्रैविद्या जय वरवाहन जय मनोबुद्धिरह्न्कार जय क्षेत्रज्ञ जय क्षेत्र्पालक जय जमदाग्नि जय बलनिधि जय विगाल जय विश्वगालव जय अघोर जय अनुत्तर जय यज्ञ श्रेष्ट जय नि:श्रेयसप्रद श्री शैल श्री गगनकुंदाभ जय दानवारि जय अरिंदम जय रजनी जनकश्चारू जय निश्लय जय लोकशल्यध्रक जय चतुर्वेद जय चतुर्भाव जय चतुरश्च्तुर्प्रिया जय आम्नाय जय स्माम्णय जय तीर्थदेवशिवालय जय बहुरूप जय महारूप जय सर्वरूपप्च्श्रचर जय न्याय्निर्मयको न्यायी जय निरंजन जय सहस्त्न्मुद्द्र जय देवेन्द्र जय सर्वशस्त्रप्र्भन्ज्ज्न जय मुण्ड जय विरूप जय विक्रांत जय दान्त जय गुनोत्त्म जय पिन्ग्लाक्ष जय ज्नाध्यक्ष जय नीलग्रीव जय निरामय जय सह्स्त्रुबहू जय सर्वेश जय श्रनेय जय सर्वलोकध्रक जय पद्मासन जय परं ज्योति जय पर्म्प्यर्य्फल्प्र्द जय पद्मगर्भ जय महागर्भ जय विश्वगर्भ जय विच्क्ष्ण जय प्रवरज्ञा जय वरद जय वरेण्य जय महास्वन जय देवासुरगुरुदेव जय देवासुरन्मस्क्र्त जय देवासुरम्हामित्र जय देवासुर्माहेश्वर जय देवासुरेश्वर जय दिव्या जय दिवसुरम्हाश्र्य जय देवदेवमय जय अचिन्त्य जय देवदेवात्मसम्भव जय स्ध्योनी जय असुरव्याघ्र जय देवसिंह जय दिवाकर जय विबुधग्रचरश्रेष्ठ जय सर्वदेवोत्तममोत्तम जय शिवज्ञानरत जय श्रीमान जय शिखीश्रीपर्वतप्रिय जय वज्रहस्त जय सिद्धखड्ग जय नरसिंहनिपातन जय ब्रह्मचारी जय लोकचारी जय धर्मचारी जय धनाधिप जय नंदी जय नंदीश्वर जय अनंत जय नग्नव्रतधर जय शुची जय लिंगाध्यक्ष जय सुराध्यक्ष जय युगावह जय स्वधर्मा जय स्वर्गत जय स्वर्गस्वर जय स्वरमयस्वन जय बाणाध्यक्ष जय बीजकर्ता जय धर्मक्र्द्बसम्भव जय दम्भ जय अलोभ जय अर्थविच्च्म्भु जय सर्वभुतमहेश्वर जय श्मशाननिलय जय त्र्यक्ष जय सेतु जय अप्रितमकृति जय लोकोत्तरस्फुटालोक जय त्राम्बक जय नागभूषण जय अंधकारी जय मखद्वेषी जय विष्णुकन्धरपातन जय हीनदोष जय दक्षारी जय दुर्जुट जय खण्डपरशु जय सकलो निष्कल जय अनघ जय अकाल जय स्क्लाधार जय पाण्डुराभ जय मृड़ो जय पूर्ण जय पूरयिता जय सुकुमार जय सुलोचन जय समगेयप्रिय जय अक्रूर जय पुण्यकीर्ति जय अनामय जय मनोजव् जय तीर्थकर जय जटिल जय जिवितेश्व्र जय जिवंतान्त्कर जय नित्य जय वसुरेता जय वसुप्रद जय सदघती जय सत्कृति जय सिद्ध जय स्ज्जाती जय खलकण्टक जय कलाधर जय महाकालभुत जय सत्यपरायण जय लोकलावण्याकर्ता जय लोकोत्तर जय सुखालय जय चन्द्रसंजीवन शास्ता जय लोकगूढ़ जय महाधिप जय लोकबन्धुलोर्कनाथ जय कर्तज्ञ जय कीर्तिभूषण जय अन्पायोक्ष्र जय कान्त जय सर्वशर्स्त्रभ्र्न्ता वर जय तेजोमयो ध्योतिधर जय लोकानामग्रनी जय अणु जय शुचीसिमत जय प्रसन्नात्मा जय दुर्जेय जय दुरतिक्रम जय ज्योतिर्मय जय जगन्नाथ जय निराकार जय जलेश्वर जय तुम्बवीण जय महाकोप जय विशोक जय शोकनाशन जय त्रिलोकप जय त्रिलोकेश जय सर्वशुद्धि जय अघोक्ष्ज जय अव्यक्तलक्षणों देव जय व्यक्तताव्यक्त्त जय विशाम्पति जय वरशील जय वरगुण जय मानधन जय ब्रह्म जय मय जय विष्णु जय प्रजापाल जय हंस जय हंसगति जय वय जय वेधा विधाता धाता जय सृष्टिकर्ता जय हरता जय चतुर्मुख जय कैलाशशिखरवासी जय सर्ववासी जय सदागति जय हिरण्यगर्भ जय दृहिन् जय भूतपाल जय भूपति जय स्ध्योगी जय योग्विधोगी जय वरद जय ब्रह्म्नप्रिया जय देव्प्रियो देवनाथ जय देवज्ञ जय देव्चिन्त्क जय विषमाक्ष जय विशालाक्ष जय वृषदो वृषवर्धन जय निर्मम जय निरहंकार जय निर्मोह जय नीरूपदर्व जय दर्पहा दर्पद जय द्र्प्त जय सर्वतुर्प्रिव्र्त्क जय सह्स्त्रजित जय सहस्त्रैर्ची जय स्निघ प्रकृतिदक्षिण जय भुतभव्यभवनाथ जय प्रभव जय भूतिनाशन जय अर्थ जय अनर्थ जय महाकोष जय प्र्कय्रेकपंडित जय निष्कंटक जय क्र्तानंद जय निव्र्योजो व्याजमर्दन जय सत्ववान जय सत्यकीर्ति जय स्नेहक्र्ताग्म जय अकम्पित जय गुनग्राही जय नैकात्मा नैक्रक्क्र्त जय सप्रीत जय सुमुख जय सूक्ष्म जय सुकर जय दक्षिनिल जय नंदीस्कन्धधर जय धुर्य जय प्रकट जय प्रीतिवर्धन जय अपराजित जय सर्वसत्त्व जय गोबिंद जय सत्त्ववाहन जय आध्रत जय स्व्धर्त जय सिद्ध जय पुत्मुर्ती जय यशोधन जय वराहश्रंगधरकछ्रंगी जय बलवान जय एक्नायक जय श्रुतिप्रकाश जय श्रुतिमान जय एक्बंधू जय अनेकक्रत जय श्रीवत्सलशिवारम्भ जय शांतभद्र जय सम जय यश जय भूशय जय भूषण जय भूति जय भर्तकर्त जय भुतभावन जय अकम्प जय भक्तिकाय जय काल्हा जय नीललोहित जय सत्यव्रत जय महात्यागी जय नितशांतिपरायण जय परार्थवृत्तिव्रर्द जय विरक्तत जय विशारद जय शुभद शुभ्कर्ता जय शुभनामा शुभ स्वयम जय अनर्थित जय अगुण जय साक्षी अकर्ता जय कनकप्रभ जय स्वभावभद्र जय मध्यस्थ जय शत्रुघ्न जय विघ्नानाष्ण जय शिखंडी कवची शूली जय जटी मुंडी च कुंडली जय अमृत्यु जय सर्वदरकसिंह जय तेजोराशीमर्हमणि जय अन्संख्येयोप्र्मेयात्मा जय वीर्यवान विर्यकोविद जय वेद्य जय वियोगात्मा जय परवरमुनीश्वर जय अनुत्तमो दुराधर्ष जय मधुरप्रियदर्शन जय सुरेश जय शरणम जय सर्व जय शब्दब्रह्म संता गति जय कालपक्ष जय कालकाल जय क्द्दनकनीक्रतवासुकी जय महेश्वास जय महिभ्र्ता जय निष्कलंक जय विश्वशंखल जय धुम्णीस्त्रानी जय धन्य जय सिद्धद सिद्धिसाधन जय विश्वात जय संवर्त जय स्तुत्य जय व्युढोरस्क जय महाभुज जय सर्वयोनी जय निरातंक जय नरनारायणप्रिय जय निर्लेपोनिष्प्रपंच्जत्मा जय निव्यर्न्ग जय व्यंगनाशन जय स्तव्य जय स्तवप्रिया जय स्तोता जय व्यासमूर्ति जय निरंकुश जय नीरवध्यमयोपाये जय विद्याराशी जय रसप्रिया जय प्रशंत्बुधि जय अक्षुण जय संग्रही जय नित्यासुंदर जय वैयाघ्र्धुर्य जय धात्रिश जय शर्वरीपति जय परमार्थगुरुद्रत्त जय आशिर्तवत्सल जय सोम जय भाग्तिरस के ज्ञाता जय रसद जय सर्वसत्त्वाव्ल्म्बन जय शिव जय विरूपाक्ष जय अमृत जय स्थाणु जय पिनाकी जय वृश्भाक्ष जय महाज्ञे जय कामिरी जय कामदहन जय कामरूप जय सरक्की जय कपाली जय गुप्तमन्त्र जय घोर जय अघोर जय विरूप जय मांसल जय पटु जय महामांसाद जय उन्मत जय त्र्लोलोक्यद्रवण जय लुब्ध जय य्ग्यसुदन जय कृतकासूतयुक्तत जय कृत्तिवासा जय गजकृत्तिपरिधान्न जय द्त्ताल्म्ब जय वेताल जय घोरदैत्यघन जय घोर घोष जय जटिल जय भेरुंडशतसेवित जय भूतेश्वर जय क्रोधित जय चंडीश जय चंडीकाप्रिय जय गुरुत्मान जय शवभोजन जय महारौधर
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