जिंदा थे तो किसी ने पास भी बिठाया नहीं
अब खुद मेरे चारो और बेठे है
पहले कभी किसी ने मेरा हाल भी ना पूछा
अब सभी आंसू बहाए जा रहे है
एक रुमाल भी भेंट ना किया जब हम जिंदा थे
अब शाले और कपडे उपर से ओडाये जा रहे है
सब को पता है के अब इसके काम के नहीं
मगर फिर भी बेचारे दुनियादारी निभाए जा रहे है
कभी किसी ने एक वक्त का खाना नहीं खिलाया
अब देसी घी मेरे मुह मे डाले जा रहे है
जिंदगी मे एक कदम भी साथ ना चल सका कोई
अब फूलो से सजाकर कंधे पे उठाये जा रहे है
अब पता चला की मौत जिंदगी से कितनी बेहतर है
हम तो बेवजह ही जिंदगी की चाहत किये जा रहे है
हे राम.. जय जय राम.. जय माता दी माँ के प्यारे भगतो..
बोलिए जय माता दी .. जय जय माँ
|
1 टिप्पणी:
Right
एक टिप्पणी भेजें