बुधवार, 2 नवंबर 2011

जब चली माँ सिंह पे चडके.. : Jab Chali Maa Singh Pe Chadke.. By Sanjay mehta Ludhiana









जब चली माँ सिंह पे चडके..
माँ बन के बिजली कड़के..
सब असुरो के दिल धडके..
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली


जब चलते असुर अकडके
तब अष्ट बुजाये फडके..
माँ मारे असुर पकड के
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली


मधु केट्भ मारे
रक्तबीज संहार
माँ दुम्र्विलोचन
का सर उतारा
महिषासुर संहारा..
तेरी बोले जय जय कारा
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली



माँ दुर्गा भवानी
शिव की पटरानी
ओ मंगलकरनी
माँ संकट हरनी
मैया तेरे द्वारपाल
भैरव विकराल
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली

जब जब आते है तेरे नवरात्रे
सारी दुनिया मे होते है जगराते
माँ आदह अनाधि तू ही कहलाती
तुझे पूजे हर एक जाती
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली

जब चली माँ सिंह पे चडके..
माँ बन के बिजली कड़के..
सब असुरो के दिल धडके..
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली


जब चलते असुर अकडके
तब अष्ट बुजाये फडके..
माँ मारे असुर पकड के
मेरी माँ शेरावाली ..
बनी काली माँ महाकाली








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