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मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,
छोटा सा गुनाह मेरा, अब तक ना माफ़ किया..
थोड़ी सी नादानी, सब करते है माता
समझा देती तू अगर , तेरा क्या बिगड़ जाता..
माँ मेरी गलती पर , इतना क्यों ध्यान दिया..
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,
माता का दिल होकर, कैसा पत्थर दिल है,
इसे दिल को मैया, समझना मुश्किल है..
मैंने जो कुछ भी किया, अनजाने मे ही किया..
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,
इन्साफ की देवी हो, इन्साफ करो माता..
संजय तुम्हारा ही बालक है.. इसे माफ़ करो माता
बस इतना कह दे .. जा तुझको माफ़ किया बेटा
मैया तुने मेरा, कैसा इन्साफ किया,
जय माता दी जी..
संजय मेहता
Ya devi sarva bhoothe shu shakti roopena sansthita namastasyaye namastasyaye namastasyaye namo namaha!
1 टिप्पणी:
सूर्पनखा
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