गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना
मै शरण पड़ा तेरी, चरणों मे जगह देना
करुणा निधि नाम तेरा , करुणा दिखलाओ तुम
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम
मेरी नाव भवर डोले, उसे पार लगा देना..
गुरुदेव दया करके...
तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो..
इस तन मे समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो..
नित माला जपु तेरी, नहीं दिल से भुला देना..
गुरुदेव दया करके...
पापी हु या कपटी हु जैसा भी हु तेरा हु..
घर बार छोड़कर मै, जीवन से खेला हु..
दुःख का मारा हु मै.. मेरा दुखड़ा मिटा देना
गुरुदेव दया करके...
मै सबका सेवक हु, तेरे चरणों का चेरा हु..
नहीं नाथ भुलाना मुझे, इस जग मे अकेला हु..
तेरे दर का भिखारी हु, मेरे दोष मिटा देना
गुरुदेव दया करके...
Sanjay Mehta
Jai Mata Di G
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