राम रस पे ले रे पिलावे मेरे गुरु ज्ञानी
आया था हरी भजन करन को, भूल गया नादान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..
माया मोह मे फंसा बावरे , मकड़ी जैसा जाल..
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..
जिस घर मे हो प्रभु की पूजा, वही रहे भगवान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..
जिस घर मे हो गुरु की सेवा, वह घर बैकुंठ धाम
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....
जिस घर मे हो भागवत गीता, वह घर तीर्थ जान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....
जिस घर मे हो पतिव्रता नारी, वही घर स्वर्ग समान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी..
जिस घर मे हो तुलसी पूजा, वह घर गंगा मान
बतावे मेरे गुरु ज्ञानी....
Sanjay Mehta
Jai Mata Di G
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