आज तो कैलास मे.. बाज रहे डमरू..
नाच रहे शिवजी, बाँध रहे घुघरू ..
शेष भी आये, शरद भी आये,
वीणा बजाते हुए, नारद भी आये..
दोनों ही पाँव मे, बाज रहे घुघरू..
नाच रहे शिवजी..
विष्णु भी आये, संग लक्ष्मी जी को लाये,
मोहन भी आये, संग राधा को लाये,
दोनों ही पाँव मे बाज रहे घुघरू
नाच रहे शिवजी..
शिवजी के डमरू की, देखो कैसी शान हे,
मोहन की मुरली की, मीठी - मीठी तान हे..
राधा, लक्ष्मी, पार्वती बाँध रही घुघरू
नाच रहे शिवजी..
जय माता दी जी..
Jai Mata Di G..
Sanjay Mehta, Ludhiana..
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