जग मै सुंदर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो या राम
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम श्याम
एक हृदय मै प्रेम बडावे , एक ताप संताप मिटावे
दोनों सुख के सागर है, और दोनों पूरण काम
जग मै सुंदर है दों नाम
एक माखन ब्रज मै चुरावे, एक बेर भीलनी के खावे..
प्रेम भव के भरे अनोखे, दोनों के है काम
जग मै सुंदर है दो नाम...
एक पापी कंस सहारे, एक दुष्ट रावन को मरे..
दोनों दीन के दुःख हरे, है दोनों बम के धाम
जग मै सुंदर है दो नाम...
एक राधिका के संग राजे, एक जानकी संग विराजे
चाहे सीताराम कहो, चाहे बोलो राधेशयाम
जग मै सुंदर है दो नाम....
दोनों है घट घट के वासी, दोनों है आनंद प्रकासी
राम श्याम के दिव्या भजन से, मिलता विश्राम..
जग मै सुंदर है दो नाम....
जय माता दी जी
संजय मेहता
Sanjay Mehta
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