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राधे राधे मेरा हर एक आँसू राधे तुझे ही पुकारे है ~
मेरी पहुँच तुझ तक सिर्फ आँसुओं के सहारे है ~
जब आप की याद राधे सही न जाए ~
आप को सामने न पा कर दिल मेरा घबराए है ~
तब ज़ुबा, हाथ , पांव सब बेबस होते है ~
इन्ही का काम राधे आँसू कर देते है ~
ये आप तक तो नहीं पहुँते पर फिर भी ~
इस तङप को कुछ शांत कर देते है ~
जब तक ये बहते है राधे आँखे बंद रहती है ~
बंद आँखे ही राधे मुझे आप से मिलाती है ~
बह बह कर राधे जब ये थक जाते है ~
कुछ समय सांस लेने खुद ही रूक जाते है ,
पर आप की याद कभी नहीं थकती है, बिना रूके सदा मेरी सांसों के साथ ही चलती है ~
मुझे मंज़ूर है ये सौदा आप यूँ ही याद आते रहिए ~
आँसूओं के सहारे ही सही मेरे नैनों में समाते रहिए~~ राधे राधे
Sanjay Mehta
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