भला किसी का कर ना सको, तो बुरा किसी का मत करना पुष्प नहीं बन सकते तो, तू कांटे बनकर मत रहना भला किसी का.... बन ना सको भगवान् अगर, तुम कम से कम इन्सान बनो नहीं कभी शेतान बनो तुम, नहीं कभी हेवान बनो सदाचार अपना ना सको तो, पापो मै पग मत धरना पुष्प नहीं.... सत्य वचन ना बोल सको तो, झूठ कभी भी मत बोलो मौन रहो तो ही अच्छा, कम से कम विष तो मत घोलो बोलो यदि पहले तुम तोलो, फिर मुह को खोला करना पुष्प नहीं... घर ना किसी का बसा सको तो झोपडिया ना जला देना मरहम पट्टी कर ना सको तो, खारा नमक ना लगा देना दीपक बनकर जल ना सको तो, अँधियारा भी मत करना पुष्प नहीं... अमृत पिला ना सको किसी को , जहर पिलाते भी डरना धीरज बंधा नहीं सकते तो, घाव किसी को मत करना राम नाम की माला लेकर, सुबह शाम भजन करना... पुष्प नहीं..... Sanjay Mehta
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1 टिप्पणी:
jai mata di sir ji ..
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