Jai Mata Di G
Photos
Main Page
Jai Mata Di G (Facebook Page)
Jai Mata Di G
शनिवार, 13 अक्टूबर 2012
द्वारकानाथ By Sanjay Mehta Ludhiana
कुछ लोग यह समझ कर भक्ति कर रहे है कि भक्ति करने से भगवान धन देंगे।।। पर भक्ति का फल धन नहीं है, भगवान की भक्ति भगवान के लिए ही कीजिये। भगवान साधन नहीं वे तो साध्य है, भगवन से कुछ और मांगिये धन मांगने पर भगवान साधन होंगे और लौकिक सुख धन साध्य।।। कुछ लोग मंदिर में जाकर भगवान से मांगते है "हे प्रभु! सभी मनोकामनाए पूर्ण करना" प्रभु कहते है "आज तक मैंने तुम्हारी सभी मनोकामनाए पूर्ण की पर उनका कभी अंत ही नहीं आ रहा।। एक कामना पूर्ण होने पर दूसरी खड़ी हो जाती है।।। कई लोग मंदिर में मांगने ही जाते है, इससे भगवन को संकोच होता है, क्षोभ होता है, इससे ठाकुरजी धरती पर नजर रख कर विराजते है, किसी को दृष्टि मिलकर देखते ही नहीं।। पंढरपुर में विट्ठलनाथ जी की नजर नाक की नोंक पर स्थित है, द्वारकानाथ की नजर धरती पर है।। प्रभु का कोई लाडला आ जाये तो प्रभु से अनेकानेक विनती करे तो प्रभु नजर उठाते है। मंदिर में जो समर्पित करने आते है और मांगने नहीं आते, उन्ही की और प्रभु देखते है।
अब बोलिए जय माता दी .. फिर से बोलिए जय माता दी जी
www.facebook.com/groups/jaimatadig
www.facebook.com/jaimatadigldh
jaimatadig.blogspot.in
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
♥♥ (¯*•๑۩۞۩:♥♥ ......Jai Mata Di G .... ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)♥♥
ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬●ஜ
Sanjay Mehta
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Jai Mata Di G...
Sanjay Mehta
|
Create Your Badge
Jai Mata Di G
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें