आज कोई गणपति को धेयावे: Aaj Koi Ganpati ko Dhyaave : Sanjay Mehta Ludhiana
आज कोई गणपति को धेयावे
आज कोई गणपति को धेयावे
विघन पड़े ना कोई सब कारज सफल हो जावे..
आज कोई गणपति को धेयावे
इक दिन शक्ति करे ख्याली..
मैल का रचिय इक बाली..
शक्ति जिन खड़ा किया मंदिर
के मति ना कोई आन पवे अंदर..
जे कोई तुझ से पूछ ले.. , मात करे इशनान,
भीतर लंगन नहीं देना.. बेटा वचन हमारा मान..
गोरजा बालक को समझावे
आज कोई गणपति को धेयावे
सदाशिव आ गए तत्कालि..
भीतर लंगन नहीं देंदे बाली..
सदाशिव क्रोध किया भारी..
खंडे से सिस किया न्यारी..
देख गोरजा रोव्न्दी , कर कर मनदरे हाल..
पुत्र हमरा जवा दो नहीं तो होऊ हमारा काल.
गोरजा रो रो कुर्लावे..
आज कोई गणपति को धेयावे
सदाशिव ब्रह्मा का करे जपकर..
गोरा का अज बालक मै मारा..
ब्रह्मा जी कहते पछिम सिर जिसका
काट कर ले आओ सिर उसका..
पछिम गज का सीस सी
सदाशिव खंडा दिया चलाये..
शीश काट कर ले आये
सदाशिव जी बालक दिया जिवाए
गोरजा चुक के गले लगावे...
आज कोई गणपति को धेयावे
गणपति मुस्से पे सवार
जिन को मेरी है नमस्कारी..
धुप दीप नवेद आरती
मेरा है प्रणाम..
जो शर्धा से सेव्न्दे
सदाशिव पार उतारन्हार .
राज रानी मेहता राम राम गावे..
आज कोई गणपति को धेयावे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें