जरा सामने तो आओ मैया, छुप छुप रहने मे क्या राज है..
यु छुप ना सकोगी मेरी मैया... मेरी आत्मा की यह आवाज है..
मै तुमको बुलाऊ तुम नहीं आओ, ऐसा कभी ना हो सकता..
बालक अपनी मैया से बिछड़कर, सुख से कभी ना सों सकता..
मेरी नैया पड़ी मझधार है.. अब तू ही तो खेवनहार है..
आजा रो रो पुकारे मेरी आत्मा, मेरी आत्मा की यह आवाज है..
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