शयन करो शयन करो महाराज अब प्रभु शयन करो
फूलो की मै सेज बिछाऊ मोर पंख का चवर झुलाऊ
सुंदर बदन विशाल अब तुम शयन करो
जीव उदारण कारन स्वामी , बहुत फिरे हो अन्तेर्यामी
चरण दबाऊ नन्द लाल, अब तुम शयन करो
वेद पुराण तेरा यश गावे, फिर भी तेरा अंत ना पावे
ऐसे दीन दयाल , अब तुम शयन करो
भगति मुक्ति के देवेन हारे, भगतो के हो प्राण प्यारे,
दुष्टों के हो काल, अब प्रभु शयन करो
हाथ जोड़ के आरती गाऊ, प्रेम भाव से तुम्हे सुलाऊ
ऐसे जगदाधार , अब तुम शयन करो
Sanjay Mehta
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