मेरे कंठ बसों महारानी,
महारानी मेरे कंठ बसों महारानी
मेरे स्वर को अपना स्वर दो
गाऊ मै तेरी वाणी
मेरे कंठ बसों ....
जीवन का संगीत तुम्ही हो
आशाओ का दीप तुम्ही हो
सुधा से दामन भर दो
मै याचक तू दानी
मेरे कंठ बसों ...
लय और ताल का ज्ञान भी दे दो
स्वर सरगम माँ तान भी दे दो
मेरे शीश पे हाथ धरो माँ
सरस्वती कल्याणी
मेरे कंठ बसों ...
नीरस शब्दों को रस दे दो
मेरी कला को आशीष दे दो
तुम सागर मै बूंद हु मैया
तुम चन्दन मै पानी
मेरे कंठ .....
Sanjay Mehta
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