मै चुनरी चडाऊ तारो जड़ी.. सिद्ध करदे मेरे काज मा
मेरी सदा ही रखना लाज माँ
मै चुनरी चडाऊ तारे जड़ी मुझे एसा वर दे जगदम्बे
तेरी भगति मे मन लगा रहे
मेरे रोम रोम मे ए दाती तेरे नाम का दीपक जगा रहे
तेरी करुना मेरे साथ रहे मेरे सेर पे तेरा हाथ रहे
मै चुनरी चडाऊ ....
मै जहा भी मन से याद करू
मुझे वही सहारा दे जाना
किसी पथ पर भटकू मे अगर
मेरे हाथ पकड़ के ले जाना
निष्फल हो ना अरदास कभी
मेरा डोले ना विश्वास कभी
मै चुनरी चडाऊ ...
तेरे नाम के करोड़ो रूप है माँ
हर रूप को मे परनाम करू
मुख मेरा तेरे नाम जपे
जिस वक्त मे जो भी काम करू
कभी भूलू ना माँ द्वार तेरा
मै पाऊ हमेशा प्यार तेरा
मै चुनरी चडाऊ ...
सिद्ध करदे मेरे....
मेरी सदा ही....
मै चुनरी चडाऊ ....
Sanjay Mehta
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