Jai Mata Di G
मंगलवार, 30 जून 2015
शनिवार, 27 जून 2015
हिंगुला शक्तिपीठ: Hingula shaktipeeth : Sanjay Mehta Ludhiana
शुक्रवार, 26 जून 2015
ज्वालामुखी : Jwalamukhi : Sanjay Mehta Ludhiana
गुरुवार, 28 मई 2015
श्री देव्यापराधक्षमापनस्तोत्र : संजय मेहता , लुधियाना
मंगलवार, 12 मई 2015
रोम रोम में श्री राम : Sanjay Mehta Ludhiana
रोम रोम में जिस वस्तु में श्री राम - नहीं , वह वस्तु तो कौड़ी की भी नहीं। उसके रखने से लाभ? श्री हनुमान जी ने भरे दरबार में यह बात कही स्वयं जानकी मैया ने बहुमूल्य मणियों की माला हनुमान जी के गले में डाल थी. राज्याभिषेक- समरोह का यह उपहार था - सबसे मूल्यवान उपहार। अयोध्या के रत्नभंडार में भी वैसी मणियाँ नहीं थी। सभी उन मणियों के प्रकाश एवं सौंदर्य से मुग्ध थे . मर्यादापुर्षुत्तम को श्री हनुमान जी सबसे प्रिया है। सर्वश्रेष्ठ सेवक है पवनकुमार , यह सर्वमान्य सत्य है। उन श्री आंजनेय को सर्वश्रेष्ठ उपहार प्राप्त हुआ - यह ना आश्चर्य की बात थी, ना ईर्ष्या की असूया की बात तो तब हो गयी। जब श्री हनुमान जी अलग बैठकर उस हार की महमूल्यवान मणियों को अपने दाँतो से पटापट फोड़ने लगे। एक दरबारी जौहरी ने टोका तो उन्हें बड़ा विचित्र उत्तर मिला। आपने शरीर में श्री राम - नाम लिखा है ? जौहरी ने कुढ़कर पूछा था। किन्तु मुंह की खानी पड़ी उसे। हनुमान जी ने अपने वज्रनख से अपनी छाती का चमड़ा उधेड़कर दिखा दिया , श्री राम ह्रदय में विराजते थे और रोम रोम में श्री राम लिखा था उन श्री राम दूत के "जिस वस्तु में श्री-राम नाम नहीं, वह वस्तु तो दो कौड़ी की है, उसे रखने से लाभ? " श्री हनुमान की यह वाणी - उन केसरीकुमार का शरीर श्री राम नाम से ही निर्मित हुआ। उनके रोम रोम में श्री राम नाम अंकित है। उनके वस्त्र, आभूषण, आयुध - सब श्री राम नाम से बने है , उनके कण कण में श्री राम नाम है , जिस वस्तु में श्री राम नाम ना हो वह वस्तु उन पवनपुत्र के पास रह कैसे सकती है श्री राम नाममय है श्री हनुमान जी का श्री विग्रह -- संजय मेहता |
मंगलवार, 21 अप्रैल 2015
मंगलवार, 17 फ़रवरी 2015
।। शिव मानस पूजा स्तुति।। : Sanjay Mehta Ludhiana
शनिवार, 14 फ़रवरी 2015
मात पिता गुरू प्रभु चरणों में प्रणवत बारम्बार। : Sanjay mehta Ludhiana
मात पिता गुरू प्रभु चरणों में प्रणवत बारम्बार।
हम पर किया बड़ा उपकार। हम पर किया बड़ा उपकार।
माता ने जो कष्ट उठाया, वह ऋण कभी न जाए चुकाया।
अंगुली पकड़ कर चलना सिखाया, ममता की दी शीतल छाया।।
जिनकी गोदी में पलकर हम कहलाते होशियार,
हम पर किया..... मात पिता......
पिता ने हमको योग्य बनाया, कमा कमा कर अन्न खिलाया।
पढ़ा लिखा गुणवान बनाया, जीवन पथ पर चलना सिखाया।।
जोड़-जोड़ अपनी संपत्ति का बना दिया हकदार।
हम पर किया..... मात पिता......
तत्त्वज्ञान गुरू ने दरशाया, अंधकार सब दूर हटाया।
हृदय में भक्तिदीप जला कर, हरि दर्शन का मार्ग बताया।
बिनु स्वारथ ही कृपा करें वे, कितने बड़े हैं उदार।
हम पर किया..... मात पिता......
प्रभु किरपा से नर तन पाया, संत मिलन का साज सजाया।
बल, बुद्धि और विद्या देकर सब जीवों में श्रेष्ठ बनाया।
जो भी इनकी शरण में आता, कर देते उद्धार।
हम पर किया..... मात पिता......
रविवार, 14 दिसंबर 2014
कर्मो का कानून अटल : Sanjay Mehta Ludhiana
शनिवार, 13 दिसंबर 2014
पपीहे का प्रण : Papeehe ka Prn : By Sanjay Mehta Ludhiana
शनिवार, 29 नवंबर 2014
Vaishno Maa By Sanjay Mehta Ludhiana
हनुमानजी भीमसेनजी : Sanjay mehta Ludhiana
गुरुवार, 10 जुलाई 2014
सबकुछ परमात्मा ही करता है (कहानी): Sanjay Mehta Ludhiana
मंगलवार, 1 जुलाई 2014
ईश्वर की तरफ से शिकायत: Ishwar ki Taraf Se Shikayat
सोमवार, 30 जून 2014
Bhakt or Bhagwan : Sanjay Mehta Ludhiana
माँ (परमगुरु, परब्रम्ह, परमात्मा, ब्रह्माण्डस्वरूपी ) : Maa : Sanjay Mehta Ludhiana
प्यारी माँ : Pyari Maa : Sanjay Mehta Ludhiana
माँ : Maa : Sanjay Mehta Ludhiana
रविवार, 22 जून 2014
मालिनी सुखिया और कृष्णा जी : संजय मेहता
शुक्रवार, 6 जून 2014
सब से सुन्दर है हमारी जय अम्बे माँ : Sab Se Sunder hai hmari jai ambe maa : Sanjay Mehta Ludhiana
बुधवार, 4 जून 2014
मन मेरा मंदिर आँखे दिया बाती: Man Mera Mandir Aankhe diya Baati : Sanjay Mehta Ludhiana
सोमवार, 19 मई 2014
माता जी का विराट स्वरूप कैसा है ? Mata G Ka Viraat Swroop Kaisa Hai ? : Sanjay Mehta Ludhiana
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